Rudraksha | रुद्राक्ष से होने वाले फायदे और नुकसान; जाने

हिन्दुओ में रुद्राक्ष को बहुत ही महत्तवपूर्ण माना जाता है| सच्चाई भी यही है की रुद्राक्ष है भी बहुत महत्तवपूर्ण रुद्राक्ष जहा पर रखा होता है वह पर नेगेटिव एनर्जी भटकती भी नही है| रुद्राक्ष एक पॉजिटिव एनर्जी का एक बहुत अच्छा स्त्रोत है जिसके पास नेगेटिव एनर्जी जा भी नहीं सकती

रुद्राक्ष की उत्त्पत्ति

रुद्राक्ष की उत्त्पत्ति भी एक रोचक विषय है| हिन्दू पोराणिक कथाओ के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आशुओ के द्वारा हुई थी| भगवान शिव के आशु जमीन पर गिरे थे वहा से ही रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई| इसलिए ही रुद्राक्ष को भगवन शिव का आशीर्वाद माना जाता है| हमारे धार्मिक ग्रंथो में रुद्राक्ष की खूब चर्चा की गई है तथा रुद्राक्ष से होने वाले फायदों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है| भगवान शिव सभी देवो के देव है वो महादेव है इसलिए ही उनकी एक अलग छवि है वो भगत वत्सल भगवन है| अगर इनकी भगत इनको एक बार सच्चे मन से पुकार भी ले तो ये दोड़े चले आते है| इसलिए ही इन्होने इस संसार की भलाई के लिए ही रुद्राक्ष का निर्माण किया था|

रुद्राक्ष के प्रकार और उनके प्रयोग

रुद्राक्ष कई प्रकार के होते है तथा उन्हें धारण करने के अलग अलग फायदे होते है| रुद्राक्ष को मुख के द्वारा पहचान जाता है| रुद्राक्ष पर मुख का मतलब होता है उसके उपर बनी हुई लाइन| जिस रुद्राक्ष पर जितनी लाइन होती है उसका मतलब है वह रुद्राक्ष उतने ही मुखी है| अगर किसी रुद्राक्ष पर एक लाइन बनी हुई है तो वह रुद्राक्ष एक मुखी होता है और वही उस पर दो लाइन बनी हुई है तो उसे दो मुखी कहा जाता है|

  1. एक मुखी रुद्राक्ष – एक मुखी रुद्राक्ष वह रुद्राक्ष होता है जिसपर एक लाइन होती है| एक मुखी रुद्राक्ष मिलना बहुत ही दुर्लब होता है और एक मुखी रुद्राक्ष की कीमत भी बहुत आधिक होती है| क्युकी इनका मिल पाना बहुत ही मुस्किल होता है| एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से यश की प्राप्ति होती है|

2. दो मुखी रुद्राक्ष- दो मुखी रुद्राक्ष वह रुद्राक्ष होता है जिसपर दो लाइन बनी होती है| दो मुखी रुद्राक्ष देवी देवताओं का स्वरुप बताया गया है| इसे धारण करने से कई प्रकार के पापा दूर हो जाते है और वक्ती निष्पाप हो जाता है|

3. तीन मुखी रुद्राक्ष- तीन मुखी रुद्राक्ष को आग्नि के समान बताया गया गया है

4. चतुर्मुखी रुद्राक्ष – चार मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मा के स्वरुप बताया गया है| अगर किसी वक्ती पर ब्रमण हत्या का पाप लगा हुआ है तो इस रुद्राक्ष से ब्रमण हत्या का पाप खत्म हो जाता है| क्युकी हिन्दू धर्म में ब्रमण हत्या को सबसे बड़ा पाप बताया है|

5. पंचमुखी रुद्राक्ष- पंचमुखी रुद्राक्ष को कालाग्नि के समान बताया गया है| इसे धारण करने से वक्ती को शांति और संतोष की प्राप्ति होती है| जिससे वक्ती अपनी एनर्जी को सही जगह पर लगा सकता है|

6. छठ मुखी रुद्राक्ष- छह मुखी रुद्राक्ष को कार्तिकेय का स्वरुप माना जाता है| इसे सीधे हाथ में पहनना चाइये| इसे सुख सिमर्धि की प्राप्ति होती है|

7. सत्मुखी रुद्राक्ष- सत्मुखी रुद्राक्ष को अनंग बताया गया है| इसे धारण से चोरी के पाप दूर हो जाते है|

8. आठ्मुखी रुद्राक्ष- आठ मुखी रुद्राक्ष को गणेश जी का स्वरुप बताया गया है इसे धारण करने से सभी प्रकार के पाप और कलेश दूर हो जाते है और मनुष्य के जीवन में सुख स्मिर्धि और रिधि सिधी आती है| क्युकी भगवान गणेश रिधि सिधी के भगवन है|

9. नवमुखी रुद्राक्ष- नवमुखी रुद्राक्ष को भगवन भेरव का बताया गया है| इसे मनुष्य को अपनी उलटे हाथ में पहनना चाहिए| इसे धारण करने वालो को भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है|

10. दसमुखी रुद्राक्ष- दसमुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्णु का स्वरुप बताया गया है| इसे धारण करने से मनुष्य के सभी गृह शांत रहते है और उसे किसी प्रकार का भय नहीं सताता और वह ख़ुशी ख़ुशी अपने जीवन को जीता है|

11. ग्यारह मुखी रुद्राक्ष- ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को साक्षात् रूद्र कहा गया है| जो मनुष्य इसे अपनी सिखा में धारण करता है उससे कई हजार यग करने का फल मिलता है|

12. बारह मुखी रुद्राक्ष- बारह मुखी रुद्राक्ष को कान में पहनना शुभ बताया गया है| इससे धन- धान्य की प्राप्ति होती है और घर में सुख समृधि वास करती है

13. तेरह मुखी रुद्राक्ष- तेरह मुखी रुद्राक्ष को वक्ती की सभी कमाना को पूरा करने वाला बताया गया है| इससे मनुष्य की सभी प्रकार की कमाना पूरी होती है| और मनुष्य के जीवन में खुशियों का निवास होता है |

14. चोदह मुखी रुद्राक्ष- चोदह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से मनुष्य शिव के समान पवित्र हो जाता है| इससे वक्ती को अपने सर पर धारण करना चहिये

धारण करने के साथ साथ जप आधी कार्य में भी रुद्राक्ष का ही प्रियोग किया जाता है| जप करने में रुद्राक्ष की माला का प्रयोग किया जाता है जिसमे 108 रुद्राक्ष होते है|

रुद्राक्ष को घर में रखने के फायदे

रुद्राक्ष को घर में रखने से घर के अंदर नेगेटिव एनर्जी दूर रहती है| क्युकी रुद्राक्ष पॉजिटिव एनर्जी का बहुत अच्छा स्तोत्र है| रुद्राक्ष को घर में रखने से घर में सुख स्मिर्धि का वास होता है|

सीहोर से रुद्राक्ष केसे प्राप्त करे

सीहोर से रुद्राक्ष प्राप्त करने के लिए आपको सीहोर आश्रम जाना होगा और वह पर जाकर रुद्राक्ष काउंटर पर जाकर बीमारी के बारे में या फिर आप जिस भी कार्य के लिए रुद्राक्ष लेने गये हो उस बात को बता कर आप वह से रुद्राक्ष प्राप्त कर सकते हो| सीहोर में लोगो की सुविधा के लिए प्रबंधक ने कई काउंटर बनाये हुए है ताकि लोगो को रुद्राक्ष प्राप्त करने में किसी भी भक्त को कोई भी किसी भी प्रकार की किसी समस्या का सामना न करना पड़े| सीहोर के रुद्राक्ष से लोगो की बहुत ज्यदा बीमारी सही हो जाती है|

रुद्राक्ष का पानी पीने के फायदे

रुद्राक्ष को पानी में डालकर उस पानी को पीने से शरीर में मोजूद सभी प्रकार की बीमारी सही हो जाती है| सीहोर से रुद्राक्ष प्राप्त करके लोगो ने उसको पानी में डालकर उसका पानी पिया उससे उनकी बहुत प्रकार की बीमारी तक सही हो गई है|

केसे पता करे की रुद्राक्ष असली है या नकली

लोगो के लिए सबसे बड़ी दुविधा यह है की उनको पता ही नही है कि असली रुस्द्रक्ष की पहचान कैसे करे| असली रुद्राक्ष की पहचान करने के लिए उसको पानी में डाल कर देखना चाहिय अगर रुद्राक्ष पानी में डूब जाता है तो वह रुद्राक्ष असली है और वही वह पानी के उपर तेरता है तो इसका मतलब रुद्राक्ष नकली है| एक दूसरा तरीका यह है की अगर आप उसे पानी में डालते हो और रुद्राक्ष पानी में रंग छोड़ता है तो वह रुद्राक्ष नकली है| असली रुद्राक्ष पानी में कभी भी रंग नहीं छोड़ेगा और न ही डूबेगा और एक तरीका और है जिससे आप पता लगा सकते हो जब आप रुद्राक्ष को किसी नुकली जगह पर घिसते हो तो अगर उससे रेशे निकलते है तो वह रुद्राक्ष असली है और अगर उससे रसे नही निकलते और वह टूट या फट जाता है तो वह रुद्राक्ष नकली है|

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