इस क्रिया के द्वारा आप कर सकते हो पुराने से पुराने बवासीर और पेट की समस्या का हल; जाने

बवासीर एक ऐसी समस्या है। जिससे आज के टाइम में बहुत ज्यादा लोग परेशान है। इस बीमारी को किसी को बताने में भी शर्म आती है। इस बीमारी के बारे में किसी को बताया भी नही जाता लोग इससे परेशान तो रहेंगे लेकिन बताने में शरमाते रहेंगे तो आज हम आपको एक ऐसी क्रिया के बारे में बताएंगे जो आपकी इस बीमारी के लिए रामबाण औषधि के रूप में काम आएगी।

बवासीर के भी कई प्रकार है कई लोगो को तो खूनी बवासीर और मस्से वाली बवासीर परन्तु बवासीर चाहे कोई सी भी हो होती बड़ी दुःखदाई है। इसमें सबसे बड़ी परेशानी वाली बात तो ये होती है कि शर्म की वजह से इस बीमारी के बारे में किसी को बताने में भी शर्म आती है। जिसके कारण व्यक्ति परेशान होता रहता है।

इस बीमारी के होने का मुख्य कारण है भोजन का न पचना और पेट का साफ न होना जिससे कारण व्यक्ति शौचालय में ज्यादा ज्यादा देर तक बैठा रहता है और पेट साफ करने के लिए जोर लगाता है। जिससे गुदा में मौजूद नस फूलकर बवासीर का रूप ले लेती है और जब व्यक्ति फ्रेश होने जाता है तो उसे असहनीय पीड़ा को झेलना पड़ता है। जिसके कारण उसे कुछ खाना पीना अच्छा नहीं लगता और उसे चलने फिरने में भी परेशानी होने लगती है। खुजली के कारण रुका नहीं जाता है और कुछ काम करने का भी मन नहीं करता है। स्वभाव चिड़चड़ा हो जाता है। तो आईए आज इसके एक ऐसे अचूक उपाय के बारे में बात करते है जिससे इस बीमारी से कुछ दिनों के भीतर ही आराम मिल सकता है

इलाज

इस बीमारी का इलाज है खीरा या कोई भी हरी सब्जी जो आपके घर में मौजूद है या एक नीम का पत्ता। जब आप सुबह उठते है तो आप सबसे पहले चाय पीते है इस क्रिया को करने के लिए आपको सबसे पहले चाय को छोड़ना पड़ेगा सुबह उठने के बाद सबसे पहले आपको 2 गिलास गुनगुना पानी पीना है। उसके बाद आपको फ्रेश होना है। फ्रेश होने के बाद आपको एक खीरा या कोई भी हरी सब्जी जो आपके घर मौजूद है या फिर एक नीम का पत्ता लेना है। इनमे से कोई भी एक चीज लेकर उसे खाली पेट खाना है। इस प्रक्रिया को आयुर्वेद की भाषा में लीवर को नमस्ते करना कहा जाता है। लीवर हमारे शरीर में दूसरे ब्रेन के रूप में कार्य करता है। हमारे पेट के अंदर होनी वाली सभी क्रिया को लीवर ही कंट्रोल कार्य है। जब भी लीवर को लगता है की हमारी आंतों में कोई ऐसी चीज है जिससे शरीर को कोई नुकसान हो सकता है तो ऐसी स्थिति में लीवर दस्त लगा देता है। जिससे आंत साफ हो जाए और जिससे हमारी आंतों को खतरा है वह चीज आंतों से बाहर निकल जाए। वही जब लीवर को लगता है की लीवर के अंदर कोई ऐसी वस्तु है जो पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती है तो लीवर उल्टी लगा देता है और उस वस्तु को शरीर से बाहर निकल देता है। इसलिए लीवर को शरीर का दूसरा ब्रेन कहा जाता है। इसलिए जब हम लीवर का ख्याल रखेंगे तो लीवर हमारा पाचन तंत्र को सही रखेगा। इसलिए सुबह उठने के बाद लीवर को कुछ ऐसी चीज देनी चाहिए जो उसे पसंद हो। इसलिए सुबह एक खीरा या कोई भी हरी सब्जी या नीम का पत्ता खाना चाहिए। जिससे हमारा लीवर खुश रहे। जब हमारा लीवर खुश रहेगा तो हमारा पाचन तंत्र भी सही रहेगा और पाचन तंत्र ठीक रहेगा तो बवासीर जैसी बीमारी भी सही हो जाएगी। इस क्रिया से हम बवासीर ही नहीं पेट की सभी प्रकार की बीमारी को ठीक कर सकते है और अगर हमारा पेट सही है तो सारा शरीर ही सही तरीके से काम करेगा और हम पूरी तरह से स्वस्थ रहेंगे।

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